भोपाल। मध्यप्रदेश में शिक्षा को
बढ़ावा देने के उद्देश्य से न केवल मेधावी छात्रों को सम्मानित करने की
परंपरा शुरू की गई है, बल्कि अब बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे परिणाम दिलाने
वाले शिक्षकों का भी अब सम्मान किया जाएगा। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में मेधावी छात्र-छात्राओं को
प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं की प्रवेश और संघ लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी
परीक्षाओं के
लिये कोचिंग की नि:शुल्क व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे विद्यार्थी जिनके पालक आयकरदाता नहीं है। उन्हें राज्य स्थित राष्ट्रीय शिक्षण प्रतिष्ठानों में प्रवेश मिलने पर उनकी फीस भी राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के भरेगी। इसी प्रकार विदेशों के चिन्हित विश्वविद्यालयों में भी प्रवेश पाने वालों की आर्थिक मदद की जायेगी।
लिये कोचिंग की नि:शुल्क व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे विद्यार्थी जिनके पालक आयकरदाता नहीं है। उन्हें राज्य स्थित राष्ट्रीय शिक्षण प्रतिष्ठानों में प्रवेश मिलने पर उनकी फीस भी राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के भरेगी। इसी प्रकार विदेशों के चिन्हित विश्वविद्यालयों में भी प्रवेश पाने वालों की आर्थिक मदद की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएँ रविवार को भोपाल के लाल परेड मैदान में मेधावी
विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के विशाल कार्यक्रम में की। उन्होंने कक्षा
बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे ज्यादा अंक हासिल करने
वाले 10061 विद्यार्थियों को तथा आईआईटी की परीक्षा में प्रथम, द्वितीय,
तृतीय एवं बालिका और नि:शक्त वर्ग में देश में प्रथम आने वाले प्रदेश के
छात्र-छात्राओं को लेपटाप के लिये 25-25 हजार रुपये की राशि प्रदान कर
सम्मानित किया।
समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि
जिस दिन से परीक्षा परिणाम आया उस दिन से वे इन मेधावी बच्चों से मिलने और
उनका सम्मान करने के लिये आतुर थे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित
बच्चों की बड़ी संख्या को देखकर आज उनका सीना गर्व से फूल गया है। वे चाहते
हैं कि शीघ्र ही ऐसा दिन आए जब सारा भोपाल मेधावी बच्चों से पट जाए और
उन्हें लेपटाप देते-देते हाथ थक जाए। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश का भविष्य
उनकी आँखों के सामने दिख रहा है। प्रत्येक व्यक्ति में असीम संभावनाएँ
होती हैं। अपनी क्षमता को पहचान कर प्रयास करने वाला कुछ भी कर सकता है।
स्वयं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैत के साधारण किसान का बेटा जब
लगातार तीन बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता है तो कोई भी कुछ भी बन सकता
है।
मुख्यमंत्री ने आव्हान किया कि नई उम्मीद का नया सवेरा हुआ है। राज्य सरकार
ने नया मध्यप्रदेश गढ़ने के लिए युवाओं की तरक्की के असीम संभावनाओं के
द्वार खोल दिये हैं। आवश्यकता संकल्पित होकर प्रयास करने की है। कोशिश करने
वालों की कभी हार नहीं होती है। उन्होंने कहा कि एक ऐसी वेबसाईट विकसित की
जाये जिसमें स्कूली बच्चे शिक्षा में किसी प्रकार की दिक्कत अथवा बाधा की
सूचना मुख्यमंत्री को दे सकें।
उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा सन 2015 में चयनित होने वाले
प्रदेश के प्रतियोगियों का भी राज्य सरकार सम्मान करेगी। इसी तरह बारहवीं
की परीक्षा का अच्छा परिणाम देने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया
जायेगा। उन्हें सम्मानस्वरूप 10 हजार रुपये की निधि दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निराश्रित, अनाथ और पन्नी बीनने और
भिक्षावृत्ति में संलग्न बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था की है।
कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि वे जिलों में ऐसे बच्चे चिन्हित करें।
उनकी शिक्षा, पुस्तकें, गणवेश, भोजन और रहने की व्यवस्था करवायें।
छात्रावास में स्थान उपलब्ध नहीं होने पर किराये का मकान लेकर व्यवस्था की
जाये।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी हैं, उनकी
शिक्षा-दीक्षा और विवाह के लिए परिवार को कर्ज नहीं लेना पड़े इसकी व्यवस्था
की गई है। नौकरियों में भी आरक्षण की व्यवस्था की गई है। शिक्षक की नौकरी
में 50 और पुलिस की नौकरी में 33 प्रतिशत की व्यवस्था है। स्थानीय निकायों
के चुनावों में भी 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में मेधावी छात्र-छात्राओं को तरक्की की नई ऊँचाइयाँ छूने के लिए
निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सुपर 100 योजना का जिक्र किया
जिसमें प्रत्येक जिले से दो-दो छात्र-छात्रा को कोचिंग दिलाई जा रही है।
प्रदेश के सभी विकासखण्डों में उत्कृष्ट विद्यालय संचालित है। ऐसे
विद्यार्थी जो मेरिट में नहीं आ पाते हैं उन छात्र-छात्राओं को भी हरसंभव
सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। शिक्षा ऋण योजना में ऐसे छात्र-छात्राओं को
उच्च शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिसकी गारंटी राज्य सरकार
लेती है। इकलौती पुत्री के लिए स्कालरशिप की व्यवस्था की गई है। जिन
बेटियों के पिता नहीं है उनको भी छात्रवृत्ति दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी आईटी कम्पनियाँ और उद्योग-धंधे खुल
रहे हैं। इनमें युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि
उनकी इच्छा है कि प्रदेश के बच्चे रोजगार माँगने वाले नहीं रोजगार देने
वाले बनें। टाटा, बिरला, अंबानी जैसे उद्योगपति मध्यप्रदेश की धरती से
निकले। इसके लिए भी सरकार सभी आवश्यकताओं में सहयोग कर रही है। उद्यमियों
को टेक्नोलॉजी, उत्पाद की ब्राडिंग और मार्केटिंग और आवश्यक पूँजी उपलब्ध
करवाने में सहयोग दे रही है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 10 लाख से
लेकर एक करोड़ रुपये तक के ऋण की गारंटी राज्य सरकार ले रही है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से बदल रहा है। कभी बीमारू राज्य कहा जाने
वाला प्रदेश आज देश के बड़े राज्यों में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला
नंबर एक राज्य है। विगत सात वर्ष से विकास दर डबल डिजिट में है। कृषि के
क्षेत्र में तो प्रदेश की विकास दर देश में ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक
है। निरंतर तीन वर्ष से प्रदेश की 20 प्रतिशत से अधिक की कृषि वृद्धि दर
रही है।
अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एस.आर. मोहंती ने दिया। उन्होंने बताया कि मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना प्रदेश में वर्ष 2008-09 से प्रारंभ की गई है। प्रारंभ से अब तक में शासकीय विद्यालयों में 85 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या दस गुने से अधिक हो गई है।
अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एस.आर. मोहंती ने दिया। उन्होंने बताया कि मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना प्रदेश में वर्ष 2008-09 से प्रारंभ की गई है। प्रारंभ से अब तक में शासकीय विद्यालयों में 85 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या दस गुने से अधिक हो गई है।
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