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अब सेवानिवृत गैर शिक्षक देंगे विवि में सेवाएं : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates

शिमला। हिमाचल प्रदेश विवि अब शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत गैर शिक्षक कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएंगी। इसके लिए कुलपति की ओर से मंजूरी मिल चुकी है । कुलसचिव को आदेश जारी किए गए हैं कि जल्द इस पर एक नई नीति बनाई जाए। सेवानिवृत गैर शिक्षकों को वेतनमान देने सबंधी सभी प्रकार के नियम और कानूनों पर पॉलिसी तैयार की जाएगी।
प्रदेश विवि में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्रशासन ने यह अहम फैसला लिया हैं। अब छात्रों को शिक्षकों की कमी नहीं खलेगी। लंबे समय से विवि के हर विभाग में शिक्षकों के पद खाली है और नई भर्तियां भी नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कुछ एक विभागों में तो एक भी शिक्षक नहीं है।
गैर शिक्षक संघ ने मंजूरी के लिए कुलपति को भेजा था पत्र….
विवि में स्टाफ की कमी के चलते गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने प्रशासन से अध्यापकों की तर्ज पर गैर शिक्षक कर्मचारियों को पुन नौकरी देने की मांग की थी। इस बारे कुलपति को पत्र भेजा गया था। पिछले डेढ़ वर्ष में तकरीबन 80 गैर शिक्षक कर्मचारी विकास एवं योजना अधिकारी,उप . कुलसचिव,सहायक कुलसचिव,अनुभाग अधिकारी व अधीक्षक तथा अन्य लेफ्ट आऊट श्रेणियों से सेवानिवृत हुए हैं। इस कारण स्टाफ की कमी के चलते गैर शिक्षक कर्मचारियों पर भी काम का बोझ अधिक पड़ गया है तथा प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी चरमरा गईं हैं। दिन प्रतिदिन लाइब्रेरी जैसे मुख्य विभागों में कर्मचारियों की कमी आ रही है, वहीं छात्रों की उपस्थिती के चलते कार्य का बोझ भी अधिक बढ़ रहा है। ऐसे में प्रशासन ने संस्थान हित में सेवानिवृत कर्मियों को ही वापस बुला लिया था। मगर अब रिटायर्ड गैर शिक्षक कर्मचारियों के वापस आने से शिक्षकों की 90 प्रतिशत कमी दूर हो जाएगी।
सेवानिवृत गैर शिक्षक कर्मियों को भी विवि में दोबारा नियुक्ति देने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। नीति के तहत ही वेतनमान भी तय किया जाएगा। 
प्रो. एडीएन वाजपेयी, कुलपति, हिमाचल प्रदेश विवि शिमला। हिमाचल प्रदेश विवि अब शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत गैर शिक्षक कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएंगी। इसके लिए कुलपति की ओर से मंजूरी मिल चुकी है । कुलसचिव को आदेश जारी किए गए हैं कि जल्द इस पर एक नई नीति बनाई जाए। सेवानिवृत गैर शिक्षकों को वेतनमान देने सबंधी सभी प्रकार के नियम और कानूनों पर पॉलिसी तैयार की जाएगी। प्रदेश विवि में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्रशासन ने यह अहम फैसला लिया हैं। अब छात्रों को शिक्षकों की कमी नहीं खलेगी। लंबे समय से विवि के हर विभाग में शिक्षकों के पद खाली है और नई भर्तियां भी नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कुछ एक विभागों में तो एक भी शिक्षक नहीं है।
गैर शिक्षक संघ ने मंजूरी के लिए कुलपति को भेजा था पत्र….
विवि में स्टाफ की कमी के चलते गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने प्रशासन से अध्यापकों की तर्ज पर गैर शिक्षक कर्मचारियों को पुन नौकरी देने की मांग की थी। इस बारे कुलपति को पत्र भेजा गया था। पिछले डेढ़ वर्ष में तकरीबन 80 गैर शिक्षक कर्मचारी विकास एवं योजना अधिकारी,उप . कुलसचिव,सहायक कुलसचिव,अनुभाग अधिकारी व अधीक्षक तथा अन्य लेफ्ट आऊट श्रेणियों से सेवानिवृत हुए हैं। इस कारण स्टाफ की कमी के चलते गैर शिक्षक कर्मचारियों पर भी काम का बोझ अधिक पड़ गया है तथा प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी चरमरा गईं हैं। दिन प्रतिदिन लाइब्रेरी जैसे मुख्य विभागों में कर्मचारियों की कमी आ रही है, वहीं छात्रों की उपस्थिती के चलते कार्य का बोझ भी अधिक बढ़ रहा है। ऐसे में प्रशासन ने संस्थान हित में सेवानिवृत कर्मियों को ही वापस बुला लिया था। मगर अब रिटायर्ड गैर शिक्षक कर्मचारियों के वापस आने से शिक्षकों की 90 प्रतिशत कमी दूर हो जाएगी।
सेवानिवृत गैर शिक्षक कर्मियों को भी विवि में दोबारा नियुक्ति देने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। नीति के तहत ही वेतनमान भी तय किया जाएगा। 
प्रो. एडीएन वाजपेयी, कुलपति, हिमाचल प्रदेश विवि 

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