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कहीं शिक्षकों के लाले, कहीं भरमार, कोई नहीं सुधलेवा : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates

चौखुटिया /अल्मोड़ा: िश्‍ाक्षा विभाग में अव्‍यवस्‍थ्‍ाा का कोई सुधलेवा नहीं। कहीं शिक्ष्‍ाकों के लाले हैं तो कहीं भरमार। चौखुटिया ब्‍लाक के एक उच्च प्राथमिक स्कूल में मात्र तीन बच्चों के लिए तीन शिक्षक तैनात हैं। इसके अलावा एक भोजन माता है। इनके वेतन आदि में ही हर माह करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो एक बच्चे पर हर माह 50 हजार का रुपये खर्च हो रहा है। इन तीन बच्चों पर छह लाख रुपये के हिसाब से 18 लाख सालाना खर्च हो रहे हैं। यह स्कूल सरकारी धन के भारी दुरुपयोग का जीता जागता उदाहरण है।
उच्च प्राथमिक स्कूल सीरा में कक्षा छह से लेकर आठवीं तक प्रत्येक कक्षा में सिर्फ एक-एक छात्र पढ़ता है। इस तरह इस स्कूल में एक-एक बच्चे की तीन कक्षाएं चलती हैं। इन तीन बच्चों के लिए तीन शिक्षक तैनात हैं। मध्याह्न भोजन के लिए भोजन माता भी तैनात है। स्कूल का रखरखाव आदि अलग से है। इस तरह यदि मोटे तौर भी देखा जाए तो स्कूल में वेतन आदि मद में प्रतिमाह करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इस तरह हर बच्चे में प्रति माह 50 हजार और साल भर में छह लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
यह तीन बच्चे भी रोज विद्यालय नहीं आ पाते।
बताया जाता है कि जिले और राज्य में ऐसे दर्जनों विद्यालय हैं जहां एक से लेकर सात-आठ बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें भी कुछ बच्चे जबरन कागजी खाना पूरी के लिए रखे गए हैं। ताकि शिक्षकों को सुविधा मिलती रहे।
लोगों का मानना है कि सरकारी धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार को 10 से कम बच्चे वाले विद्यालयों के बारे में कोई ठोस विकल्प पर विचार करना चाहिए।
विज्ञान वर्ग में प्रवक्ता नहीं, बच्चों ने छोड़ा स्कूल
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। मनमाने कोटिकरण के कारण हुए तबादलों के चलते कई माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा पड़ गया है। जीआईसी योगसैंण रामपुर में विज्ञान वर्ग में एक भी प्रवक्ता न होने से कक्षा 11 के 30 में से 15 बच्चे दूसरे स्कूलों में चले गए हैं। इसे लेकर हुई प्रबंध समिति और अभिभावक संघ की बैठक में आंदोलन की चेतावनी दी गई है। बैठक में कहा गया कि स्कूल में 17 पदों में से सिर्फ छह शिक्षक ही तैनात हैं। जबकि विद्यालय में 300 छात्र अध्ययनरत हैं। बैठक की अध्यक्षता अभिभावक संघ की अध्यक्ष शांती मावड़ी ने की। प्रधानाचार्य बलवंत सिंह नेगी ने अभिभावकों से रचनात्मक सहयोग देने का आग्रह किया। वहां रघुनाथ सिंह रावत, गोपालगिरि, गोपाल राम, सुरेशानंद, मानसिंह, मोहन मेहरा, तुलसी देवी , रेवती देवी और प्रकाश सिंह आदि मौजूद थे। इधर जीजीआईसी चौखुटिया और जीजीआईसी मासी में भी शिक्षिकाओं के अधिकांश पद खाली होने से छात्राओं के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई हैं।
शासन की नीति के अनुसार किसी भी विद्यालय में जब तक एक भी बच्चा रहेगा उसे बंद नहीं किया जा सकता। विद्यालय स्थाई तौर पर बंद करने के बाद ही शिक्षकों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकता है। विद्यालयों में छात्र संख्या का तेजी से कम होना बहुत चिंताजनक है।
-अशोक कुमार सिंह मुख्य शिक्षाधिकारी अल्मोड़ा

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