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222 तदर्थ शिक्षक होंगे नियमित

-222 तदर्थ शिक्षकों होंगे नियमित, पीटीए शिक्षकों का मामला अगली बैठक में आएगा
-18 साल तक विकलांग बच्चों को हर महीने 500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि मिलेगी
-परित्यक्ता महिला की परिभाषा में परिवर्तन, खुद सर्टिफाइड करेंगी
-रमसा के तहत कार्यरत लैब असिस्टेंटों के पद सृजित कर अधिमान मिलेगा
-पहाड़ की पारंपरिक खेती को मिलेगा बढ़ावा, सर्टिफाइड बीजों की खरीद पर 75 फीसदी सब्सिडी
-कृषि सहायकों का मानदेय छह हजार हुआ, पहाड़ों में बेमौसमी सब्जियों को मिलेगा प्रोत्साहन
DEHRADUN राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ टीचर्स रेगुलर होंगे. जबकि पीटीए शिक्षकों के भविष्य का फैसला अगली कैबिनेट में होगा. वहीं रमसा के तहत काम करने वाले लैब असिस्टेंट केंद्र से मानदेय न मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें अधिमान देने का निर्णय लिया है. इसके अलावा जन्म से 18 वर्ष तक के विकलांग बच्चों को भी सरकार हर महीने 500 रुपए सहायता राशि देगी. दूसरी तरफ चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को 10 परसेंट रिजर्वेशन देने के लिए अधिनियम लाएगा. इसके अलावा कृषि सहायकों का मानदेय भी बढ़ाया गया है.

200 रुपए प्रति क्विंटन उत्पादन बोनस
मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में मंडे देर रात तक चली मंत्रीपरिषद की बैठक में लिए गए महत्पूर्ण निर्णयों की जानकारी ट्यूजडे को दी गई. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एस राजू ने बताया कि सहायता प्राप्त विद्यालयों में करीब 222 तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाएगा. 15 हजार रुपए मानदेय पर कार्यरत लगभग 650 पीटीए शिक्षकों के संबंध में हाईकोर्ट के एक निर्णय को ध्यान में रखकर मंत्रीमंडल की अगली बैठक में प्रपोजल रखा जाएगा. प्रमुख सचिव कृषि एस रामास्वामी ने बताया कि पर्वतीय पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. मंडुवा, रामदाना व फाफर उत्पादकों को सरकार 200 रुपए प्रति कुंतल उत्पादन बोनस देगी. वहीं सर्टिफाइड बीजों की खरीद पर गवर्नमेंट 75 फीसदी सब्सिडी देगी. सचिवालय में कैबिनेट ब्रीफिंग की जानकारी देने के दौरान कृषि निदेशक सीएस मेहरा, जीएस नेगी आदि मौजूद थे.
:::कैबिनेट में लिए गए महत्वपूणर् निर्णय:::
-222 तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाएगा.
-समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत 0-18 साल तक बच्चों को हर महीने 500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जाएगी.
-अभी तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के विकलांगों को पेंशन दी जाती है.
-परित्यक्ता (पति से विच्छेदद) महिला के विषय में परिभाषा को परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है.
-अभी तक परित्याग के 7 साल के बाद ही महिला को परित्यक्ता माना जाता था.
-पटवारी से सर्टिफाइड होने के बाद ही परित्यक्ता माना जाता था.
-लेकिन कैबिनेट ने अपने निर्णय में एक साल में ही परित्यक्ता मानते हुए पेंशन देने का निर्णय लिया है.
-परित्यक्ता महिला को अब सेल्फ सर्टिफाइड मानने के साथ एक वॉर्ड मेंबर का सर्टिफिकेशन मांगा जाएगा.
-वह सादे पेपर पर परित्यक्ता के लिए खुद सर्टिफाइड करने के लिए अधिकृत होंगी.
-रमसा के तहत कार्यरत लैब असिस्टेंटों को केंद्र से मानदेय बंद होने के बाद प्रदेश सरकार पदों का सृजन कर अधिमान देगी.
-पहाड़ की पारंपरिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.
-मंडुवा, रामदाना, फाफर के उत्पादकों को 200 रुपए इनसेंटिव दिया जाएगा.
-सर्टिफाइड बीजों की खरीद पर 75 फीसदी सब्सिडी भी दी जाएगी.
-मैंथा पर एक प्रतिशत मंडी शुल्क व 0.5 प्रतिशत विकास शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी दी गई.
-मैंथा उत्तराखंड में कम होता है, दूसरे राज्यों से लाकर इसको राज्य के मार्केट में बेचा जाता है. इसलिए इस पर शुल्क लिया जाएगा.
-670 न्याय पंचायतों में काम करने वाले कृषि सहायकों का मानदेय छह हजार किया गया.
-जबकि अब तक इन्हें 2500 रुपए मानदेय दिए जाने के साथ इनसे चार घंटे की सेवा ली जाती थी. लेकिन अब आठ घंटे काम भी लिया जाएगा.
-रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तहत 10 हजार रुपए प्रति यूनिट के निर्माण से 50 प्रतिशत सब्सिडी 75 प्रतिशत होगी.
-पॉलीहाउस के निर्माण में सब्सिडी 80 प्रतिशत बरकरार रखते हुए मानक में वृद्धि की गई है.
-अब 200 वर्गमीटर के स्थान पर 10 हजार वर्गमीटर तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
-उद्यान फसलों की घेरबाड़ के लिए सब्सिडी व मानकों में वृद्धि की गई है.
-घेरबाड़ के लिए प्रति हेक्टेयर 66600 रुपए की लागत से 50 प्रतिशत सब्सिडी थी. अब सुरक्षा दीवार के लिए 1.10 लाख तक की लागत पर 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी.
-पेस्टीसाइड की खरीद पर भी किसानों को 50 प्रतिशत के स्थान पर अब 60 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी.
-माल्टा, सेब व गलगल (पहाड़ी नींबू) का ब्000 मिट्रिक टन समर्थन मूल्य किया गया है.
-पहाड़ों में बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने खाद, बीज आदि में सब्सिडी देने का निर्णय लिया है.
राज्य आंदोलनकारियों के आश्रित दायरे में नहीं
कैबिनेट की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को रिजर्वेशन देने पर सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है. सूचना महानिदेशक विनोद शर्मा ने स्पष्ट किया है कि राज्य चिन्हित आंदोलनकारियों को क्0 परसेंट आरक्षण देने के लिए एक्ट लाया जाएगा. अधिनियम के तहत सभी चिन्हित 9म्00 आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में क्0 परसेंट का आरक्षण मिल सकेगा. आश्रितों को आरक्षण दिए जाने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल चिन्हित आंदोलनकारियों के बारे में ही यह फैसला लिया गया है. उन्होंने इस बावत यह भी कहा कि एक्ट का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए प्रमुख सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन होगा. जिसमें सचिव न्याय व गृह भी शामिल होंगे.
केंद्रीय लोन दिलाने को क्क् करोड़ दिए

आर्थिक संकट से जूझ रही चीनी मिलों के बारे में महानिदेशक सूचना ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्पेशल पैकेज के तहत शॉफ्ट लोन दिया जाना है. इस सुविधा का लाभ उन्हीं मिलों को मिलेगा, जो फ्0 जून तक गन्ने के बकाया का भ्0 प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र की दो चीनी मिलों सितारगंज व गदरपुर भ्0 प्रतिशत भुगतान नहीं कर पाई हैं. राज्य सरकार ने इन दो चीनी मिलों को केंद्रीय पैकेज के दायरे में लाने के लिए क्क् करोड़ 87 लाख देने का निर्णय लिया है. जबकि निजी क्षेत्र की चीनी मिलों लक्सर व इकबालपुर को भुगतान करने के लिए कह दिया गया है.

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