मिडिल और
प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शिक्षकों की योग्यता परखने 22
जुलाई को शिक्षकों की परीक्षा होगी। प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक
कक्षा पांचवीं और मिडिल स्कूल के शिक्षक आठवीं तक के पाठ्यक्रम की
विषयवस्तु के आधार पर आए प्रश्नपत्रों को हल करेंगे। 22 जुलाई को शिक्षकों
की परीक्षा संकुल स्तर पर आयोजित की जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार आ
रही कमी को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की योग्यता परखने के
लिए यह परीक्षा आयोजित की है।
शहर के सरकारी मिडिल और प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक गर्ल्स स्कूल संकुल, पीपल मोहल्ला बॉयज हायर सेकंडरी स्कूल संकुल, मेहरागांव संकुल और रामपुर संकुल में परीक्षा देने पहुंचेंगे।
शिक्षकों में असंतोष
इस परीक्षा को लेकर शिक्षकों में असंतोष है। मप्र शिक्षक संघ ने इसे शिक्षकों के सामाजिक सम्मान को कम करने की प्रक्रिया बताया है। शिक्षक राजकुमार दुबे ने बताया कि परीक्षा लेने के बाद शिक्षकों का ए, बी, सी और डी ग्रेड में परीक्षा फल भी जारी किया जाएगा। इससे शिक्षकों की सामाजिक प्रतिष्ठा का अपमान होगा और शिक्षकों का मनोबल भी गिरेगा।
उन्होंने बताया कि शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित होने का बड़ा कारण शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी लादना है। ऐसे में शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता को परखने के लिए परीक्षा का आयोजन करना शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है।
शहर के सरकारी मिडिल और प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक गर्ल्स स्कूल संकुल, पीपल मोहल्ला बॉयज हायर सेकंडरी स्कूल संकुल, मेहरागांव संकुल और रामपुर संकुल में परीक्षा देने पहुंचेंगे।
शिक्षकों में असंतोष
इस परीक्षा को लेकर शिक्षकों में असंतोष है। मप्र शिक्षक संघ ने इसे शिक्षकों के सामाजिक सम्मान को कम करने की प्रक्रिया बताया है। शिक्षक राजकुमार दुबे ने बताया कि परीक्षा लेने के बाद शिक्षकों का ए, बी, सी और डी ग्रेड में परीक्षा फल भी जारी किया जाएगा। इससे शिक्षकों की सामाजिक प्रतिष्ठा का अपमान होगा और शिक्षकों का मनोबल भी गिरेगा।
उन्होंने बताया कि शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित होने का बड़ा कारण शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी लादना है। ऐसे में शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता को परखने के लिए परीक्षा का आयोजन करना शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है।
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