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पारा शिक्षकों से सस्ते लेक्चरर

इंटर की बदहाल शिक्षा : व्याख्याता को मिलते हैं प्रति क्लास100 से 150 रुपये
कॉलेज करते हैं इंटर में शिक्षक की नियुक्ति
न कोई नियमावली है न वेतनमान
प्रति माह छह से नौ हजार तक मिलता है मानदेय
 
रांची : राज्य में अंगीभूत कॉलेज में इंटरमीडिएट के शिक्षकों को पारा शिक्षकों से भी कम मानदेय मिलता है. अंगीभूत कॉलेज में इंटर के शिक्षकों को प्रतिमाह छह  से नौ हजार रुपये तक मानदेय मिलता है. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक सेवा शर्त नियमावली या वेतनमान नहीं है. 
 
कॉलेज अपने स्तर से शिक्षकों के मानदेय का निर्धारण करते है. एक कक्षा के लिए किसी कॉलेज में शिक्षक को 100 रुपये तो किसी कॉलेज में 150 रुपये मिलते हैं. हालांकि कुछ कॉलेजों में शिक्षकों का मानदेय निर्धारित है. मारवाड़ी कॉलेज में इंटर प्रभाग के शिक्षकों को प्रतिमाह नौ हजार रुपये मानदेय मिलता है. रांची महिला कॉलेज में निर्धारित मानदेय व प्रति कक्षा के हिसाब से मानदेय मिलनेवाले शिक्षक भी हैं. महिला कॉलेज में जिन शिक्षकों का मानदेय निर्धारित है, उन्हें प्रतिमाह 7,500 रुपये मिलते हैं. जबकि प्रति कक्षा के लिए शिक्षक को 150 रुपये दिये जाते हैं. डोरंडा कॉलेज में एक शिक्षक को प्रति कक्षा 100 रुपये मिलते हैं.
 
 एक शिक्षक को प्रति दिन अधिकतम दो से तीन कक्षा लेने का मौका मिलता है. रविवार व अन्य अवकाश को मिला कर एक माह में औसतन 20 दिन कक्षा संचालित होती है.  ऐसे में शिक्षक को एक दिन में 300 से 450 रुपये तक मिलता है. महीना में 6000 से 9000 रुपये मानदेय मिलता है. 
 
अंगीभूत कॉलेजों में इंटर में शिक्षकों की नियुक्ति संविदा के आधार पर होती है. कई कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की संविदा का प्रति वर्ष नवीकरण होता है. संविदा नवीकरण को लेकर भी कई कॉलेजों में प्रतिवर्ष विवाद होता है. शिक्षकों को हटाने व रखने का खेल भी होता है.
 
योग्यता में भी एकरूपता नहीं
 
अंगीभूत कॉलेज के इंटर संभाग के शिक्षकों की योग्यता में भी एकरूपता नहीं है. कुछ कॉलेज में इंटर शिक्षकों के लिए बीएड अनिवार्य किया गया है, वहीं कुछ कॉलेजों में पीजी में संबंधित विषय में 45 फीसदी अंक होने पर ही नियुक्त कर लिया गया है. कुछ कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला भी सामने आया है.
 
आठ माह का ही मिलता है मानदेय
 
राज्य में इंटरमीडिएट के लिए लागू पाठय़क्रम को पूरा करने के लिए वर्ष में 220 दिन की पढ़ाई अनिवार्य है. किसी भी अंगीभूत कॉलेज में 220 दिन कक्षाएं नहीं चलतीं. अगर 220 दिन कक्षाएं चलती भी हैं तो शिक्षकों को 145 दिन का मानदेय नहीं मिलता है. शिक्षकों को लगभग वर्ष में आठ माह का ही मानदेय मिलता है. अंगीभूत कॉलेज के इंटर प्रभाग के शिक्षकेतर कर्मचारियों की  स्थिति और भी दयनीय है. शिक्षकेतर कर्मचारी को 1500 से 3500 रुपये मानदेय मिलता है.
 
शिक्षक कर रहे हैं आंदोलन
 
अंगीभूत कॉलेज के इंटर संभाग के शिक्षक मानदेय बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते रहते है. सरकार गठन के बाद शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव का घेराव किया था. 
 
शिक्षक इंटर कॉलेज के शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों  की  तरह सुविधा देने की मांग कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक वे पढ़ाई में अपना शत-प्रतिशत कैसे दे पायेंगे.
 

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