जबलपुर। पहले से ही करीब 3 हजार शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी स्कूलों की पढ़ाई व्यवस्था नए सत्र के शुरुआती दौर में ही लड़खड़ा गई है। दरअसल, जबलपुर जिले के करीब आधा सैकड़ा स्कूलों के शिक्षक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने यानी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बीएड जैसी उच्च योग्यता हासिल करने 2 साल की छुट्टी पर चले गए हैं।
वहीं वरिष्ठ अध्यापक भी 13 जुलाई से एमएड करने के लिए पीएसएम का रुख करेंगे। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है। ऐसे में प्राइमरी, मिडिल और हाईस्कूलों में अध्यापन का कार्य प्रभावित हो जाएगा। वर्तमान में स्कूलों में कहीं 1, तो कहीं 2 शिक्षकों के बूते ही पढ़ाई कराई जा रही है।
वहीं वरिष्ठ अध्यापक भी 13 जुलाई से एमएड करने के लिए पीएसएम का रुख करेंगे। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है। ऐसे में प्राइमरी, मिडिल और हाईस्कूलों में अध्यापन का कार्य प्रभावित हो जाएगा। वर्तमान में स्कूलों में कहीं 1, तो कहीं 2 शिक्षकों के बूते ही पढ़ाई कराई जा रही है।
Bed करने गए 28, Med करेंगे 11
जो शिक्षक, अध्यापक अब तक स्नातक (ग्रेज्युएट) योग्यता के आधार पर स्कूलों में 5वीं से लेकर 10वीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रहे थे वे शिक्षा विभाग की हरी झंडी मिलते ही बीएड की ट्रेनिंग लेने स्कूल छोड़ कॉलेज पहुंच गए। यहां वे 2 साल की ट्रेनिंग लेकर कोर्स पूरा करेंगे। बीएड की ट्रेनिंग के लिए जिले से 28 और एमएड के लिए करीब 11वरिष्ठ अध्यापकों का चयन किया गया है। बीएड की ट्रेनिंग 4 जुलाई से शुरू हो चुकी है, वहीं एमएड की 13 जुलाई से होगी।
क्या फर्क पड़ेगा
मिडिल स्कूलों में जहां एक या दो शिक्षक बचे हैं वे पढ़ाई के अलावा जाति, समग्र आईडी, छात्रवृत्ति जैसे काम भी करेंगे। इससे पढ़ाई प्रभावित होगी।
हाईस्कूलों में 9वीं व 10वीं के बच्चों को गणित, अंग्रेजी, विज्ञान और संस्कृत के शिक्षक कम हो गए। जब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी पढ़ाई प्रभावित रहेगी।
स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति होगी, लेकिन अधिकांश की नियुक्ति में योग्यता आड़े आएगी।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में 61 हजार शिक्षकों की कमी
संविदा से भरे जाएंगे 41 हजार शिक्षकों के पद
जिले में करीब 2 हजार अतिथि शिक्षक खींचते हैं शिक्षा की गाड़ी
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बीएड, एमएड का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षक, अध्यापकों की जगह शासन के आदेश मिलते ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
सतीश अग्रवाल, डीईओ
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