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मानदेय नहीं मिलने से बदहाली की मार झेलने को मजबूर है पारा शिक्षक : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates

बगोदर/गिरिडीह। पारा शिक्षकों को पिछले तीन महीनों से मानदेय नहीं मिला है। जिससे पारा शिक्षकों को जहां एक ओर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं मानदेय का भुगतान नहीं होने से पारा शिक्षकों में रोष है। यहां तक कि झारखंड पारा शिक्षक संघ के बैनर तले पारा शिक्षक मानदेय की मांग को ले आंदोलनरत हो रहे हैं। गौरतलब है कि जिले में करीब साढ़े आठ हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं। प्रखंड के ज्यादातर स्कूल भी पारा शिक्षकों के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं।
पारा शिक्षकों को शिक्षण के अलावा जनगणना, पशुगणना, निर्वाचन सहित अन्य कार्यों में भी लगाया जाता रहा है। लेकिन पारा शिक्षकों को न ही उनके कार्य के अनुसार मानदेय दिया जा रहा है और न ही उन्हें सहायक शिक्षक का दर्जा दिया जा रहा है। यहां तक कि महीनों तक मानदेय नहीं मिलने के कारण उनकी स्थिति और भी दयनीय हो जाती है। झारखंड पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नारायण महतो की मानें तो राज्य के नये रघुवर सरकार से पारा शिक्षकों को काफी उम्मीदें थी। उन्होंने भी पारा शिक्षकों को सिर्फ सब्जबाग दिखाते हुए तीन महीने के अंदर स्थाई करने की बात कही थी। लेकिन उन्होंने भी पूर्व की सरकारों तरह सिर्फ सब्जबाग दिखाते हुए स्थायित्व तो दूर रमजान व ईद जैसे त्योहारों के समय में भी तीन-तीन महीनों के बाद भी मानदेय तक का पता नहीं है। लिहाजा, पारा शिक्षक संघ ने चरणबद्ध आंदोलन करने को विवश होते हुए जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करने के बाद विधानसभा व मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने तक की चेतावनी दी है। इधर जिला शिक्षा अधीक्षक की मानें तो आंवटन के अभाव में ही पारा शिक्षकों का मानदेय नहीं दिया गया है। कहा कि पारा शिक्षकों का मानदेय लंबित है। इस संबंध में विभाग को लिखा गया है। आंवटन आते ही पारा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान किया जायेगा।

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