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मूल्यांकन के मानदेय को तरस रहे शिक्षक : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates

धनबाद. मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा 2015 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षक अभी तक मानदेय को तरस रहे हैं. दोनों परीक्षाओं का परिणाम 27 अप्रैल को जारी हुआ था. इसके बाद छात्र-छात्राओं को संबंधित संस्थानों से प्रमाणपत्र मिले और ज्यादातर नामांकन भी ले चुके हैं. इसको लेकर शिक्षकों में भारी रोष है.
बोकारो एवं अन्य जिलों में मूल्यांकन करनेवाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को मूल्यांकन राशि का भुगतान हो चुका है. शिक्षकों का कहना है कि मैट्रिक के दो केंद्रों में केवल धनबाद प्राण जीवन एकेडमी का भुगतान हुआ है. वहीं इंटर की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करनेवाले किसी शिक्षक को इस राशि का भुगतान नहीं हुआ है.
मूल्यांकन में लगे सैकड़ों
मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के लिए दो मूल्यांकन केंद्र बनाये गये थे. इसमें धनबाद प्राण जीवन एकेडमी व हाई स्कूल धनबाद शामिल थे. एक केंद्र में 145 एवं दूसरे केंद्र में 155 शिक्षक-शिक्षिकाएं थीं. इसी तरह इंटर की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के लिए तीन केंद्र बनाये गये थे. इसमें गुजराती झरिया हिंदी उवि, बीएसएस बालिका उवि एवं गोविंदपुर +2 उवि थे. तीनों केंद्रों में कुल करीब 350 शिक्षक-शिक्षिकाएं थीं. इस तरह सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं को मूल्यांकन राशि मिलनी बाकी है.
विचित्र पहलू
मामले का विचित्र पहलू यह है कि धनबाद के ही जिला शिक्षा पदाधिकारी बोकारो जिला के भी प्रभार में हैं, पर वहां उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के मानदेय का भुगतान करीब एक माह पहले किया जा चुका है. धनबाद के इंटर परीक्षकों के मानदेय भुगतान की कोई सुगबुगाहट नहीं दिखती. ऐसे में परीक्षकों में रोष होना स्वाभाविक है. इस मामले में यदि ग्रीष्मावकाश की अड़चन का तर्क दिया जाता है तो प्रदेश के शेष जिलों के लिए भी यह बात लागू होती है.
‘‘जैसे-जैसे बिल आ रहे हैं, वैसे-वैसे मूल्यांकन राशि का भुगतान किया जा रहा है. अगर कार्यालय में किसी प्रकार का विलंब हो रहा है तो पूछताछ करेंगे.  धर्म देव राय, डीइओ.
‘‘मूल्यांकन राशि का भुगतान बहुत पहले हो जाना चाहिए था. बीच में गरमी छुट्टी के कारण भी देरी हुई है. हालांकि हमें एक सप्ताह के अंदर भुगतान का आश्वासन मिला है.
किशोर सिंह, सचिव, झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ.

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