नई शिक्षा नीति में लाएं संस्कृत
बिलासपुर — नई शिक्षा नीति में संस्कृत को विशेष अधिमान देने की वकालत हुई है। गुरुवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर में हिमाचल संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय संस्कृत सम्मेलन में शिक्षाविदों ने यह बात रखी है। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि नई शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा के लिए संस्कृत को किसी न किसी रूप में शामिल करने को हिमाचल प्रदेश से मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली को प्रस्ताव प्रेषित किए जाएंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता आचार्य रामानंद ने की, जबकि मुख्यातिथि के तौर पर विधायक बंबर ठाकुर ने शिरकत की।
डा. मस्तराम शर्मा ने मुख्यातिथि को प्रतीक चिन्ह व शाल देकर सम्मानित किया। बंबर ठाकुर ने उपस्थित विद्वानों को बिलासपुर में संस्कृत महाविद्यालय खोलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस मसले को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष रखा जाएगा। इस दौरान डा. लेखराम शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हिमाचल के निर्माता डा. वाईएस परमार पर शोध-पत्र पढ़ा। जबकि डा. प्रेम लाल गौतम ने संस्कृत पत्रकारिता पर शोध-पत्र पढ़ा। कार्यक्रम में प्राचार्य प्रवीण, परस राम, मदन, प्रेम लता, चेतराम, रूप लाल, संजय शास्त्री, सरस्वती शर्मा, पदमदेव, डा. मनोहर लाल, अचार्य मनोज, राम स्वरूप, मुकुंद शास्त्री, हेमराज, सतीश, संजय व रक्षा शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।-------------- दिव्य हिमाचल से साभार
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बिलासपुर — नई शिक्षा नीति में संस्कृत को विशेष अधिमान देने की वकालत हुई है। गुरुवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर में हिमाचल संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय संस्कृत सम्मेलन में शिक्षाविदों ने यह बात रखी है। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि नई शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा के लिए संस्कृत को किसी न किसी रूप में शामिल करने को हिमाचल प्रदेश से मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली को प्रस्ताव प्रेषित किए जाएंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता आचार्य रामानंद ने की, जबकि मुख्यातिथि के तौर पर विधायक बंबर ठाकुर ने शिरकत की।
डा. मस्तराम शर्मा ने मुख्यातिथि को प्रतीक चिन्ह व शाल देकर सम्मानित किया। बंबर ठाकुर ने उपस्थित विद्वानों को बिलासपुर में संस्कृत महाविद्यालय खोलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस मसले को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष रखा जाएगा। इस दौरान डा. लेखराम शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हिमाचल के निर्माता डा. वाईएस परमार पर शोध-पत्र पढ़ा। जबकि डा. प्रेम लाल गौतम ने संस्कृत पत्रकारिता पर शोध-पत्र पढ़ा। कार्यक्रम में प्राचार्य प्रवीण, परस राम, मदन, प्रेम लता, चेतराम, रूप लाल, संजय शास्त्री, सरस्वती शर्मा, पदमदेव, डा. मनोहर लाल, अचार्य मनोज, राम स्वरूप, मुकुंद शास्त्री, हेमराज, सतीश, संजय व रक्षा शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।-------------- दिव्य हिमाचल से साभार
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