आज विभाग के पास प्राथमिक पाठशालाओं में बीएड, एमएड, एम. फिल व पीएचडी अध्यापक भी हैं, जिनके पास प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने का अनुभव भी है। उन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में नए अध्यापकों को तैयार करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। प्रत्येक पाठशाला में कक्षावार अध्यापक होने के साथ-साथ नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए नर्सरी अध्यापकों की नियुक्ति करनी चाहिए…
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शिक्षा के अधिकार कानून की हकीकत
शिक्षा किसी भी सभ्य समाज की मूलभूत आवश्यकता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि शिक्षा से समाज को सभ्य बनाया जा सकता है। शिक्षा समाज के विकास, आर्थिक उन्नति और सार्वभौमिक सम्मान के लिए एक आवश्यक घटक है। हर नागरिक का यह मौलिक अधिकार होना चाहिए कि उसे जीने के अधिकार के रूप में शिक्षा का अधिकार भी हासिल हो।
स्कूली शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाएं: माता-पिता के लिए आवश्यक जानकारी
आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। इक्कीसवीं सदी में समाज के समग्र विकास के लिए एक ऐसी आबादी की आवश्यकता है जो अच्छी तरह से शिक्षित और कौशल, दृष्टिकोण और ज्ञान से सुसज्जित हो। न्यायपूर्ण और समतावादी समाज बनाने में, शिक्षा की प्रमुख भूमिका होती है।
भारत में शिक्षा का विकास
किसी भी देश के आर्थिक विकास में शिक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। स्वतंत्रता के शुरुआती दिनों से भारत ने हमेशा हमारे देश में साक्षरता दर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आज भी सरकार भारत में प्राथमिक और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है।
विद्यालय शिक्षा को गुणात्मक बनाना
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सरकार सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से कई स्तरों पर अध्यापकों के नियमित सेवाकालीन प्रशिक्षण, नए भर्ती अध्यापकों के लिये प्रवेश प्रशिक्षण, आईसीटी कोम्पोनेंट पर प्रशिक्षण, विस्तृत शिक्षा, लैंगिक संवेदनशीलता, तथा किशोरावस्था शिक्षा सहित गुणवत्ता सुधार के लिये राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों की मदद करती है।
भारत में शिक्षा गुणवत्ता: चुनौतियाँ और समाधान
देश में जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ तो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिये यह मौलिक अधिकार बन गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों का अंबार लगा है तथा ऐसे उपायों की तलाश लगातार जारी रहती है, जिनसे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकें। मानव संसाधन के विकास का मूल शिक्षा है जो देश के सामाजिक-आर्थिक तंत्र के संतुलन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
रांची जिले में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया हुई तेज, जिले में आए 13325 आवेदन
जारी है शिक्षकों का आंदोलन
व्यापमं ने संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा की तारीखें हटाईं
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की शर्त पर जताई आपत्ति
छत्तीसगढ़ में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की भर्ती पर रोक
छत्तीसगढ़ में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की भर्ती पर रोक
गैरहाजिर मिले शिक्षक
लगभग दस हजार अतिशेष शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा
व्यापमं ने संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा की तारीखें हटाईं
छात्र के स्कूली रिकॉर्ड में अब आधार जरूरी
शिमला। प्रदेश भर के निजी और सरकारी स्कूलों को छात्रों का आधार कार्ड नंबर का रिकॉर्ड रखना होगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथारिटी ऑफ इंडिया की ओर से प्रदेश शिक्षा निदेशालय को मिले निर्देशों पर राजधानी सहित प्रदेश के हर स्कूल में छात्रों के आधार नंबर लेने और उसका पूरा रिकॉर्ड तैयार करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। जिला शिमला के उपनिदेशक कार्यालय से सभी निजी और सरकारी स्कूलों को भी हर छात्र के रिकॉर्ड में आधार नंबर को शामिल करने के निर्देश दिए गए है।
नई शिक्षा नीति में लाएं संस्कृत
बिलासपुर — नई शिक्षा नीति में संस्कृत को विशेष अधिमान देने की वकालत हुई है। गुरुवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर में हिमाचल संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय संस्कृत सम्मेलन में शिक्षाविदों ने यह बात रखी है। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि नई शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा के लिए संस्कृत को किसी न किसी रूप में शामिल करने को हिमाचल प्रदेश से मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली को प्रस्ताव प्रेषित किए जाएंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता आचार्य रामानंद ने की, जबकि मुख्यातिथि के तौर पर विधायक बंबर ठाकुर ने शिरकत की।
संविधान संशोधन पर सरकार से जवाब तलब
शिमला — प्रदेश में 85वें संविधान संशोधन को लागू करने का मुद्दा एक दफा फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हिमाचल सरकार ने सामान्य वर्ग को राहत देते हुए 85वें संविधान संशोधन को लागू न करने का फैसला लिया था। इससे अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के कर्मचारियों में भारी रोष है। सरकार के आदेशों में कुछ कमियों को देखते हुए इन वर्गों ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम आवेदन दायर किया है, जिस पर राज्य सरकार को नोटिस हुआ है। सूत्रों के अनुसार सरकार को यह नोटिस मिलने के बाद इस पर कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली में प्रदेश सरकार के वकीलों से बात की है।
सीएम कल दे सकते हैं डीए का तोहफा
शिमला। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को 15 अगस्त को डीए का तोहफा मिल सकता है। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा और महासचिव गोपाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की डीए किस्त जनवरी से देय है। कर्मचारी नेताओं ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर इसकी घोषणा कर सकते हैं। यही नहीं, रोगी कल्याण समिति में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत तैनात कर्मचारियों को 5 साल बाद नियमित होने का तोहफा मिलने की उम्मीद भी है।
शिक्षा उपनिदेशक से मांगा स्पष्टीकरण
हमीरपुर। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शिमला ने शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक हमीरपुर से स्पष्टीकरण मांगा है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में लिपिकीय व अन्य अधीनस्थ अधिकारियों की एसीआर रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर नहीं भेजने पर शिक्षा निदेशक ने उपनिदेशक से जवाब तलब किया है। निदेशालय ने उपनिदेशक को अप्रैल 2015 तक विभाग के लिपिकीय और अधीनस्थ अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए थे।
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