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Govt Jobs : Opening

National Awards for Teachers 2022: Deoria teacher’s effort to inculcate scientific temper recognised

Khursheed Ahmad, 36, a teacher of Composite School in Sahawa area in district Deoria, UP, has been selected for the National Awards for Teachers 2022. He is the only teacher from UP who has been selected from the state out of 46 others across the country on the list of awardees.

Why did one teacher change his career and give up redeeming loans

During my first class, I asked my students a question, or rather their avatars, on the screen of our online class. I waited for an answer, but was given silence. As none of my students turned on the cameras, I couldn’t know why I didn’t get a reply, but some were probably using the phones or back in bed. I began to cry for futility and for a disappointment I no longer recognized.

Jharkhand cabinet approves creation of 50,000 posts of assistant teachers

 The Jharkhand cabinet on Wednesday approved the creation of around 50,000 posts of assistant teachers for primary and middle schools in the state.

The cabinet also gave its nod for creating 87 teaching posts in degree colleges, and 1,990 posts of medical officers and paramedical personnel at newly created 134 primary health centers.

Best tips to boost your immune system

Helpful ways to strengthen your immune system and fight off disease

How can you improve your immune system? On the whole, your immune system does a remarkable job of defending you against disease-causing microorganisms. But sometimes it fails: A germ invades

प्रारंभिक शिक्षा के मूल ढांचे में सुधार की जरूरत

आज विभाग के पास प्राथमिक पाठशालाओं में बीएड, एमएड, एम. फिल व पीएचडी अध्यापक भी हैं, जिनके पास प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने का अनुभव भी है। उन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में नए अध्यापकों को तैयार करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। प्रत्येक पाठशाला में कक्षावार अध्यापक होने के साथ-साथ नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए नर्सरी अध्यापकों की नियुक्ति करनी चाहिए…

शिक्षा के अधिकार कानून की हकीकत

शिक्षा किसी भी सभ्य समाज की मूलभूत आवश्यकता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि शिक्षा से समाज को सभ्य बनाया जा सकता है। शिक्षा समाज के विकास, आर्थिक उन्नति और सार्वभौमिक सम्मान के लिए एक आवश्यक घटक है। हर नागरिक का यह मौलिक अधिकार होना चाहिए कि उसे जीने के अधिकार के रूप में शिक्षा का अधिकार भी हासिल हो।

स्कूली शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाएं: माता-पिता के लिए आवश्यक जानकारी

आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। इक्कीसवीं सदी में समाज के समग्र विकास के लिए एक ऐसी आबादी की आवश्यकता है जो अच्छी तरह से शिक्षित और कौशल, दृष्टिकोण और ज्ञान से सुसज्जित हो। न्यायपूर्ण और समतावादी समाज बनाने में, शिक्षा की प्रमुख भूमिका होती है।

भारत में शिक्षा का विकास

 किसी भी देश के आर्थिक विकास में शिक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। स्वतंत्रता के शुरुआती दिनों से भारत ने हमेशा हमारे देश में साक्षरता दर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आज भी सरकार भारत में प्राथमिक और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है।

विद्यालय शिक्षा को गुणात्मक बनाना

 चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सरकार सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से कई स्तरों पर अध्यापकों के नियमित सेवाकालीन प्रशिक्षण, नए भर्ती अध्यापकों के लिये प्रवेश प्रशिक्षण, आईसीटी कोम्पोनेंट पर प्रशिक्षण, विस्तृत शिक्षा, लैंगिक संवेदनशीलता, तथा किशोरावस्था शिक्षा सहित गुणवत्ता सुधार के लिये राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों की मदद करती है।

भारत में शिक्षा गुणवत्ता: चुनौतियाँ और समाधान

 देश में जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ तो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिये यह मौलिक अधिकार बन गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों का अंबार लगा है तथा ऐसे उपायों की तलाश लगातार जारी रहती है, जिनसे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकें। मानव संसाधन के विकास का मूल शिक्षा है जो देश के सामाजिक-आर्थिक तंत्र के संतुलन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

रांची जिले में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया हुई तेज, जिले में आए 13325 आवेदन


रांची। प्रारंभिक विद्यालयों में चल रही शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया रांची जिले में तेज हो गई है। कक्षा एक से पांच और छह से आठ में होने वाले शिक्षकों के नियुक्ति के लिए रांची जिले में 13325 आवेदन प्राप्त हुए है। इधर अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

जारी है शिक्षकों का आंदोलन

जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : अपनी मांगों को ले आदोलित शिक्षकों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। शिक्षकों का आंदोलन मंगलवार से जारी है। इसी क्रम में ओडिशा माध्यमिक स्कूल शिक्षक संघ की ओर से कोलाबीरा गोष्ठी शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के समक्ष जारी है शिक्षकों का आंदोलन। शिक्षकों के उक्त आंदोलन को कु¨चडा विधायक रविनारायण नायक ने भी अंश ग्रहण कर अपना समर्थन दिया है।

व्यापमं ने संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा की तारीखें हटाईं

भोपाल। मप्र में संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बुरी खबर है। व्यापमं की वेबसाइट पर दी गईं परीक्षा की तारीखें हटा दी गईं हैं। छात्र/छात्राओं में काफी रोष व्याप्त होता जा रहा है।
टीकमगढ़ के सुशील झा का कहना है कि छात्र/छात्रायें सालों से व्यापमं की तैयारी करते चले आ रहे हैं। उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आता है। इस सरकार से छात्र/छात्रायें को अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आखिर यह सरकार चाहती क्या है।

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की शर्त पर जताई आपत्ति

संवाद सहयोगी, इंद्री : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी-इंग्लिश) की भर्ती के लिए प्रकाशित विज्ञापन पर कमल किशोर नाम के एक व्यक्ति ने सवाल खड़ा किया। उसने इस संबंध में सीएम ¨वडो पर अपनी शिकायत दर्ज कराकर बीए अंग्रेजी ऐच्छिक विषय की शर्त हटाने की मांग की। शिकायकर्ता का कहना है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्राप्त एक पत्र के अनुसार तीन वर्षीय स्नातक उपाधि सामान्य में अंग्रेजी विषय हर वर्ष सौ अंकों का पढ़ाया जाता है और इस अनिवार्य अंग्रेजी विषय को ही अंग्रेजी ऐच्छिक विषय के बराबर मान लिया जाए।

छत्तीसगढ़ में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की भर्ती पर रोक

रायपुर 13 अगस्त।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की सीधी भर्ती पर रोक लगा दी है।
 
     आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार के पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं। इनमें सहायक शिक्षक (पंचायत), शिक्षक (पंचायत) और व्याख्याता (पंचायत) शामिल हैं। 

छत्तीसगढ़ में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की भर्ती पर रोक

रायपुर 13 अगस्त।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की सीधी भर्ती पर रोक लगा दी है।
 
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार के पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं। इनमें सहायक शिक्षक (पंचायत), शिक्षक (पंचायत) और व्याख्याता (पंचायत) शामिल हैं। 
 

गैरहाजिर मिले शिक्षक

बनवार| जबेरा जनपद के नोहटा व बम्होरी अंचल में बुधवार को एसडीएम डॉ. सीपी पटेल ने निरीखण किया। सुबह 11 बजे नोहटा हायर सेकेंडरी स्कूल में पहुंचे एसडीएम को कई शिक्षक गैरहाजिर मिले। जिनमें शिक्षक विजय असाटी, अनिल कुमार सोनी, सपना जैन, एचएस धुर्वे, सुखसींग गौंड नदारत पाए गए। वहीं दाेपहर 3.30 बजे पुन: इसी स्कूल का दौरा किया। 11 शिक्षक अनुपस्थित मिले। लेकिन तीन शिक्षकों को एसडीएम के निरीक्षण की जानकारी मिलतें ही विद्यालय में वापिस हो जाने की बजह से कुल 8 शिक्षक निरीक्षण के दौरान गैरहाजिर पाए गए। जिनमें राजकुमार अहिरवाल, मुहम्मद खान, टीएस मर्को, पूजा राजबंशी, बर्शा तिवारी, अर्पणा विदौल्या, अनिता सोनी, महेंद्र सिंह शामिल रहे। स्कूल पंहुचे तीन शिक्षकों फटकार लगाते हुए अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई। 

लगभग दस हजार अतिशेष शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा

राज्य सरकार ने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आगामी आदेश तक किसी भी प्रकार के पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं। इनमें सहायक शिक्षक (पंचायत), शिक्षक (पंचायत) और व्याख्याता (पंचायत) शामिल हैं। इस सिलसिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत ने यहां मंत्रालय से मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भेजे गए परिपत्र में कहा है कि विभाग द्वारा पिछले साल 25 अप्रैल को शिक्षक (पंचायत) संवर्ग की भर्ती पर रोक लगा दी गई थी, जिनमें शिक्षक (पंचायत) और सहायक शिक्षक (पंचायत) के पद शामिल हैं। इनकी भर्ती शासन के आदेश के बिना नहीं करने के निर्देश भी जारी किए गए थे।

व्यापमं ने संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा की तारीखें हटाईं

भोपाल। मप्र में संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बुरी खबर है। व्यापमं की वेबसाइट पर दी गईं परीक्षा की तारीखें हटा दी गईं हैं। छात्र/छात्राओं में काफी रोष व्याप्त होता जा रहा है। टीकमगढ़ के सुशील झा का कहना है कि छात्र/छात्रायें सालों से व्यापमं की तैयारी करते चले आ रहे हैं। उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आता है। इस सरकार से छात्र/छात्रायें को अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आखिर यह सरकार चाहती क्या है। न तो भर्ती का तृतीय चरण करा पाई और न ही टेस्ट करा पा रही है। क्या यह सरकार राजनैतिक रोटियां सेकना चाहती है

छात्र के स्कूली रिकॉर्ड में अब आधार जरूरी

छात्र के स्कूली रिकॉर्ड में अब आधार जरूरी
शिमला। प्रदेश भर के निजी और सरकारी स्कूलों को छात्रों का आधार कार्ड नंबर का रिकॉर्ड रखना होगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथारिटी ऑफ इंडिया की ओर से प्रदेश शिक्षा निदेशालय को मिले निर्देशों पर राजधानी सहित प्रदेश के हर स्कूल में छात्रों के आधार नंबर लेने और उसका पूरा रिकॉर्ड तैयार करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। जिला शिमला के उपनिदेशक कार्यालय से सभी निजी और सरकारी स्कूलों को भी हर छात्र के रिकॉर्ड में आधार नंबर को शामिल करने के निर्देश दिए गए है।

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