आज विभाग के पास प्राथमिक पाठशालाओं में बीएड, एमएड, एम. फिल व पीएचडी अध्यापक भी हैं, जिनके पास प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने का अनुभव भी है। उन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में नए अध्यापकों को तैयार करने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। प्रत्येक पाठशाला में कक्षावार अध्यापक होने के साथ-साथ नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के लिए नर्सरी अध्यापकों की नियुक्ति करनी चाहिए…
उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , छत्तीसगढ़ , झारखंड , नई दिल्ली , बिहार , मध्य प्रदेश , राजस्थान , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश राज्यों से शिक्षकों से संबंधित ख़बरें......
Important Posts / Latest Posts
Recent
Breaking News
- नहीं लग पा रही फर्जी स्कूलों पर लगाम : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- फर्जी जानकारी भरो तभी पेंशन : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- अटैचमेंट का आनंद उठा रहे शिक्षकों को स्कूल भेजो :शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- टीईटी प्रशिक्षुओं को मानदेय भुगतान का आदेश
- मशाल जुलूस निकालकर शिक्षकों ने किया प्रदर्शन : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
Govt Jobs : Opening
शिक्षा के अधिकार कानून की हकीकत
शिक्षा किसी भी सभ्य समाज की मूलभूत आवश्यकता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि शिक्षा से समाज को सभ्य बनाया जा सकता है। शिक्षा समाज के विकास, आर्थिक उन्नति और सार्वभौमिक सम्मान के लिए एक आवश्यक घटक है। हर नागरिक का यह मौलिक अधिकार होना चाहिए कि उसे जीने के अधिकार के रूप में शिक्षा का अधिकार भी हासिल हो।
स्कूली शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाएं: माता-पिता के लिए आवश्यक जानकारी
आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। इक्कीसवीं सदी में समाज के समग्र विकास के लिए एक ऐसी आबादी की आवश्यकता है जो अच्छी तरह से शिक्षित और कौशल, दृष्टिकोण और ज्ञान से सुसज्जित हो। न्यायपूर्ण और समतावादी समाज बनाने में, शिक्षा की प्रमुख भूमिका होती है।
भारत में शिक्षा का विकास
किसी भी देश के आर्थिक विकास में शिक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। स्वतंत्रता के शुरुआती दिनों से भारत ने हमेशा हमारे देश में साक्षरता दर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आज भी सरकार भारत में प्राथमिक और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है।
विद्यालय शिक्षा को गुणात्मक बनाना
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सरकार सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से कई स्तरों पर अध्यापकों के नियमित सेवाकालीन प्रशिक्षण, नए भर्ती अध्यापकों के लिये प्रवेश प्रशिक्षण, आईसीटी कोम्पोनेंट पर प्रशिक्षण, विस्तृत शिक्षा, लैंगिक संवेदनशीलता, तथा किशोरावस्था शिक्षा सहित गुणवत्ता सुधार के लिये राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों की मदद करती है।
भारत में शिक्षा गुणवत्ता: चुनौतियाँ और समाधान
देश में जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ तो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिये यह मौलिक अधिकार बन गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों का अंबार लगा है तथा ऐसे उपायों की तलाश लगातार जारी रहती है, जिनसे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकें। मानव संसाधन के विकास का मूल शिक्षा है जो देश के सामाजिक-आर्थिक तंत्र के संतुलन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Advertisement
Big Breaking
- वेतनमान के नाम पर नियोजित शिक्षकों के साथ हुआ धोखा
- शिक्षक की नियुक्ति नहीं होने पर ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला
- नहीं लग पा रही फर्जी स्कूलों पर लगाम : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- भारत में शिक्षा गुणवत्ता: चुनौतियाँ और समाधान
- आंगनबाड़ी केंद्र के दर्जनभर से अधिक शिक्षकों का तबादला
- भीनमाल| राजस्थानविद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ की जिला स्तरीय बैठक गुरुवार : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- शिक्षकों ने मंत्री को बताई समस्याएं : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- BPSC Head Teacher Recruitment 2022: Know exam pattern, syllabus, and complete details
- फर्जी जानकारी भरो तभी पेंशन : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates
- अतिथि शिक्षकों सौंपा ज्ञापन— प्रभारी मंत्री ने कहा अतिथियों को मिलेंगें बोनस अंक : शिक्षकों का ब्लॉग latest updates